सिटी टुडे; अहमदाबाद _१६
*सत्य मेव जयते यह भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। ईसका अर्थ है- सत्य ही जीतता है, सत्य की ही जीत होती है।*
जनाब मौलाना अरशद मदनी साहब सदरे महोतरम – जमीयत ए उलमा ए हिन्द
अस्सलामो अलयकुम,
आप की खिदमत में पत्र के माध्यम से मैं कुछ विनती पेश कर रहा हूं।
जमीयत ए उलमा ए हिन्द द्वारा वक्फ कानून के खिलाफ आगामी २४ नवम्बर २०२४ को पटना में संविधान की रक्षा एवं देश में कानून का राज प्रस्थापित करने, का जो ऐतिहासिक कार्यक्रम हो रहा है।
हमारा आपसे नम्र निवेदन है कि कार्यक्रम में ठराव पारित कर देश में जाति जनगणना द्वारा सामाजिक न्याय, संविधान की रक्षा एवं देश में पुनः कानून का राज प्रस्थापित करने ईमानदारीपूर्वक बेबाक तरीके से मुहिम चलानेवाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मलिल्कार्जुन खडगेजी और श्री राहुल गांधीजी, प्रियंका गांधीजी की तरह इन्डिया गठबंधन के शीर्ष नेतागण अखिलेश यादवजी, ममता बेनरजी, शरद पवारजी, उद्धव ठाकरेजी, हेमंत सोरेनजी, तेजस्वी यादवजी, एम. के. स्टालिनजी, केजरीवालजी, लेफ्ट पार्टी सहित सभी सेक्युलर दलो से राष्ट्रीय एकता एवं अखंडितता के मुद्दो पर खुलकर बेबाक तरीके से अपनी बात रखने की अपील करनी चाहिए।
पक्षो के बंधन से परे राष्ट्रीय हित में कांग्रेस सहित ईन्डिया गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व को आगामी संसद सत्र में राष्ट्रीय एकता और सदभावना बनाए रखने के लिए एनडीए गठबंधन के शीर्ष नेतागण टीडीपी के श्री चंद्राबाबु नायडु, जनता दल युनाईटेड के श्री नितीश कुमार तथा लोकजनशक्ति पार्टी के श्री चिराग पासवान से देश में वक्फ बिल, मोब लीचीग, भडकाउ भाषण करनेवाले एवं सुप्रिम कोर्ट के दिशा निदेश की अवमानना करनेवालो के खिलाफ युएपीए के तहेत सख्त कानूनी करवाई करने तथा जघन्य अपराधो के खिलाफ मजबूत कानून द्वारा संविधान की रक्षा, देश में पुनः कानून का राज प्रस्थापित करने जैसे सर्वोपरी राष्ट्रीय हित में मध्यस्थता कर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने की मांग करनी चाहिए।
मुख्य रुप से जमीयत ए उलमा ए हिन्द सहित अन्य संवैधानिक अधिकारो की रक्षा का प्रयास करनेवाले संगठनो द्वारा सुप्रिम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुप्रिम कोर्ट ने पिछले १५ दिनो में संविधान की रक्षा करते हुए ऐतिहासिक तरीके से मद्रसो की वैधता, अलीगढ मुस्लिम युनिवर्सीटी का लघुमती दरज्जा बरकरार रखने एवं गैरसंवैधानिक तरीके पर बुलडोजर की कारवाई की रोक पर दिए गए तीन बडे फैसलो से देश को एक संवैधानिक धागे में बांध कर कानून का राज पुनः प्रस्थापित करने का समर्थन करनेवाले करोडो राष्ट्रभक्तो की उम्मीद मजबूत बनी है।
जमीयत ए उलमा ए हिन्द सहित संवैधानिक अधिकारो की लडाई लडनेवालो की जानिब से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओ पर पीडीतो के हक्क में ऐतिहासिक फैसला देने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से आभार व्यक्त करते है।
जमीयत ए उलमा ए हिन्द की विशेषता रही कि वह हमेशा सेक्युलर हिन्दु भाईओ तथा दलित, गरीब और पिछडो को साथ लेकर के देश में गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखने के प्रयास करती है। महान भारत देश को अंग्रेजो के हाथ से आजाद करवाने के लिए लाखो देशभक्त स्वातंत्र सेनानीयो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हिन्दु भाईओ एवं मुस्लिम समाज सहित हजारो उलमा ए इकराम की शहादत से देश को आजाद करवाने में जमीयत ए उलमा ए हिन्द ने अहम भूमिका अदा की है। आजादी के बाद भी देश में धर्म जाति के भेदभाव बगैर मजलूमो को ईन्साफ दिलाने के लिए और देश की गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखने की कानूनी लडाई हमेशा से कामयाबीपूर्वक लडती आई है। जमीयत ए उलमा ए हिन्द की संविधान की रक्षा एवं देश में कानून का राज, सदभावना प्रस्थापित करने की मुहिम को तहे दिल से लाखो सलाम।
जमीयत ए उलमा ए हिन्द सहित संवैधानिक अधिकारो की लडाई लडनेवालो से मैं हार्दिक अपील करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निदेश की अवमानना के खिलाफ आर्टिकल २५६ के तहत सुप्रिम कोर्ट के दिशा निदेश को घोलकर पी जाने वाली सरकारो को सही कानूनी रास्ता दिखाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहीए।
हम उम्मीद करते है कि सुप्रीम कोर्ट २०१८ के तेहसीन पुनावाला जजमेन्ट को लागु करवाकर देश भर में कानूनी व्यवस्था, भाईचारा और सदभावना के माहोल को बनाने में अपना योगदान जरुर देगा। जिससे देश की जनता और खासकर मझलुमो का विश्वास देश के महान संविधान और न्याय पालिका पर और मजबूत होता चला जाएगा।
देश भर में हो रही मोब लीचींग और खासकर हेट स्पीच के खिलाफ कानून के राज को प्रस्थापित करवाने के लिए २०१८ के तहेसीन पूनावाला जजमेन्ट में भडकाउ भाषण और मोब लिचीग के बारे में दिशा निदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में कहीं भी मोब लीचीग और भडकाउ भाषण होने पर स्थानिक प्रशासन सुओमोटो – संज्ञान लेकर उनके सामने सख्त कानूनी कारवाई करेगा और हर जिल्ले और तहेसील में एक नोडल ओफिसर की नियुक्ती की जाएगी। उसका ध्यान मोबलीचींग और भडकाउ भाषण पर रहेगा लेकिन बहुत दुख के साथ कहना पडता है कि सुप्रीम कोर्ट के २०१८ गाईड लाईन की आज भाजपा शासित राज्यो के मुख्यमंत्री, सांसद व विधायक खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है।
बहुत दुःख के साथ कहना पडता है कि अब तो देश की एकता, भाईचारे को बरकरार रखने के लिए जिनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है वह खुद सन्मानीय प्रधानमंत्री मोदीजी ऐक है तो सेफ हे, मंगलसूत्र और भैंस चुरा ले जाने की बात कर रहे है। देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने का जिम्मा रखनेवाले गृहमंत्री अमित शाह तथा उनकी उपस्थिति में मिथुन चक्रवती द्वारा हिंसा भडकानेवाले भाषण दिये जा रहे है।
देश के सब से बडे राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिसवा सरमा, रामगिरी महाराज, नरसिंहानंद महाराज, विधायक नितीश राणे सहित संवैधानिक पदो पर बेठै कई लोग सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन की अवमानना करते हुए खुलेआम भडकाउ भाषण दे रहे है और ईनमे से कुछ लोगो के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज है लेकिन शासको के ईशारे पर प्रसाशन बेशरमीपूर्वक अपराधियो के खिलाफ कीसी भी प्रकार की कानूनी कारवाई न करने पर देश के प्रबुद्ध नागरिको के मन में संदेह प्रगट हो रहा है कि देश में कानून का राज क्यों तोडा जा रहा है।
ग्यासुद्दीन शेख – पूर्व विधायकश्री